भारतीय रेल ने वेटिंग लिस्ट वाले टिकटों की स्थायी समस्या से निपटने के लिए अगले 4-5 सालों में इंडियन रेलवे में 3,000 अतिरिक्त मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है। वर्तमान में, एक साल में लगभग 800 करोड़ यात्री यात्रा करते हैं। और अगले पांच वर्षों में यात्रियों की संख्या 1,000 करोड़ तक पहुंचने की संभावना ह
इसके लिए बड़े पैमाने में विस्तार की आवश्यकता है। कोविड-19 महामारी से पहले ट्रेनों की संख्या 10,186 थी, अब बड़ा कर 10748 ट्रेनें की संख्या कर दी है।
रेल मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से , अभी रोज़ाना 10748 ट्रेनें चल रही हैं। इसे बढ़ाकर 13000 ट्रेन पूरा करने का लक्ष्य है। . रेलवे हर साल ट्रैक को बढ़ा रही है ,अगले 3- 4 साल में 3000 और नई ट्रेनों को ट्रैक पर उतारने की तैयारी की जा रही है।
फेस्टिवल सीजन में ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ रहती है। यात्रियों को अपने घर पहुंचने के लिए कड़ी मुश्किलों का सामना करना पटडा है। खासकर दिवाली और छठ के मौके पर ट्रेनों में यात्रियों से इस तरह भरी भीड़ रहती है की पैर रखने की जगह नहीं मिलती है जिन यात्रियों को टिकट कंफर्म नहीं होते, उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, और कई लोग काउंटर से वेटिंग टिकट लेकर ट्रेन में खड़े होकर जाने के लिए मजबूर होते है। लेकिन भारतीय रेल इस समस्या को लगभग खत्म करने जा रहा है.