
करवा चौथ का व्रत हर वर्ष कार्तिक माह में मनाया जाता है। यह विवाहित महिलाओं के लिए प्रमुख त्यौहारों में से एक है। इस दिन महिलाएँ अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला उपवास रखती हैं।
करवा चौथ के दिन शाम के समय शुभ मुहूर्त में भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय जी और करवा माता की पूजा की जाती है। रात के समय चंद्रमा की पूजा विधि-विधान से की जाती है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत पूरा होता है। व्रत रखने वाली महिलाएँ चांद को देखने के बाद करवा चौथ का पारण करती हैं।
इस वर्ष कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025 को रात 10 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को शाम 7 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में करवा चौथ का व्रत शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 5 बजकर 16 मिनट से 6 बजकर 29 मिनट तक
चंद्रोदय का समय: रात 7 बजकर 42 मिनट
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ कार्तिक माह में मनाया जाने वाला विवाहित स्त्रियों का प्रमुख त्यौहार है। इस दिन महिलाएँ अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। पूजा में भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय जी और करवा माता की विधिपूर्वक आराधना की जाती है।
पूजा विधि
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शाम के समय शुभ मुहूर्त में करवा चौथ की पूजा की जाती है।
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रात को चंद्रमा उदय होने के बाद उसकी पूजा कर अर्घ्य दिया जाता है।
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चांद को देखकर और अर्घ्य अर्पित करने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।
तिथि एवं मुहूर्त
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तिथि प्रारंभ: 9 अक्टूबर 2025, गुरुवार, रात 10:54 बजे
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तिथि समाप्त: 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार, शाम 07:38 बजे
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व्रत एवं पूजा दिवस: 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार
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पूजा का शुभ समय: शाम 05:16 बजे से 06:29 बजे तक
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चंद्रोदय का समय: रात 07:42 बजे