
आतिशी को क्यों चुना गया मुख्यमंत्री : आतिशी को बहुत समय से अरविन्द केजरीवाल भरोसेमंद,तेजतर्रार और करीबी नेता मन गया नेता मन गया है। अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के साथ आतिशी अन्ना आंदोलन के समय से ही जुड़ी रही हैं। केवल पांच साल में ही आतिशी ने अपनी तेज तर्रार स्वभाव और अपने काबलियत से विधायक से मंत्री तक का सफर तय किया है। आतिशी सर्वप्रथम कालकाजी सीट से वर्ष 2020 में चुनाव जीतकर विधायक बनी थीं। वर्ष 2023 में केजरीवाल कैबिनेट में मंत्री पद मिली थी और अब वह दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गई हैं। दिल्ली शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल तथा मनीष सिसोदिया जेल में थे तब आतिशी ने ही आम आदमी पार्टी का मोर्चा संभाले कर रखा था। दोनों नेताओं की गैरमौजूदगी में सरकार के कामकाज से लेकर संगठन तक की जिम्मेदारी बहुत अच्छी तरह निभई थी । जब-जब आम आदमी पार्टी पर मुसीबत आई थी आतिशी ने सामने आकर विरोधियों का मुकाबला किया और अपनी पार्टी के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं का मनोबल को बढ़ाया । शिक्षा के क्षेत्र में आतिशी मार्लेना का काफी बड़ा योगदान है जब मनीष सिसोदिया जेल चले गए थे और जेल जाने के बाद शिक्षा मंत्रालय की बागडोर को संभाली थी। आम आदमी पार्टी की कैबिनेट में आतिशी मार्लेना एक अकेली महिला मंत्री थीं और वह पार्टी में महिलाओं की प्रमुख आवाज भी बनीं। 2019 में लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर आतिशी को पूर्वी दिल्ली का प्रभारी नियुक्त किया गया था। परन्तु वह BJPके गौतम गंभीर से 4.77 लाख वोटों से चुनाव हार गई थीं। के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आतिशी ने वर्ष 2020 में दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी और जित हासिल की थी । आतिशी ने BJPउम्मीदवार धर्मवीर सिंह को 11,422 वोटों से हराया था। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथा स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद सौरभ भारद्वाज के साथ आतिशी को कैबिनेट मंत्री के रूप में दिल्ली सरकार में शामिल किया गया।
अरविन्द केजरी वाल ने दिया इस्तीफा : अरविंद केजरीवाल अपने मंत्रियों के साथ उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना से मिलने पहुंचे और उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। साथ ही आतिशी ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया है।