
अरविन्द केजरीवाल : दिल्ली शराब नीति मामले में सीबीआई की एफआईआर के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी है .अदालत ने आज 13 सितम्बर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने और कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मामले में जमानत की मांग करने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाया है । इस फेसलो को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की थी और सितंबर 5 को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। क्योकि दोनों जजों ने अलग-अलग फैसले सुनाए। न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी कानूनी थी और इसमें कोई प्रक्रियात्मक अनियमितता नहीं थी। न्यायमूर्ति ने सूर्यकांत कहा कि इस तर्क में कोई दम नहीं है कि सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करते समय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के आदेश का पालन करने में विफल रही थी । न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने माना कि केजरीवाल की गिरफ्तारी कानूनी थी और इसमें कोई प्रक्रियात्मक अनियमितता नहीं थी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि इस तर्क में कोई दम नहीं है कि सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करते समय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के आदेश का पालन करने में विफल रही है । दोनों जजों ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए केजरीवाल को जमानत देने के फैसले पर एकमत थे और मामले में आरोप पत्र दायर किया जा चुका है और निकट भविष्य में मुकदमा पूरा होने की संभावना नहीं है। ईडी मामले में अंतरिम जमानत देते समय समन्वय पीठ द्वारा लगाई गई शर्तें इस मामले में भी लागू होंगी की केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अरविन्द केजरीवाल को जेल बहार आने केलिए इंतजार करना पड़ेगा। क्योकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिखित निर्देश दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट भेजा जाएगा और वह बेल बॉन्ड भरना पड़ेगा। बेल बॉन्ड भरने के बाद ही राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा रिलीज ऑर्डर तैयार करके तिहाड़ जेल के प्रशासन को भेजा जायेगा। अरविन्द केजरीवाल को रिलीज ऑर्डर मिलने पर ही तिहाड़ जेल से रिहा किया जायेगा।